Operation Sindoor indian army indian navy and indian air force jointly foiled Pakistan attacks New rules issued ann

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना की साझा कमान के लिए रक्षा मंत्रालय ने नए रूल्स का गजट नोटिफिकेशन जारी किया है. अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम 2023 के अंतर्गत अब सैन्य कमांडर, एक दूसरे के अंगों के अधिकारियों को कमांड एंड कंट्रोल कर सकेंगे.

अभी तक थलसेना के अधिकारियों को सिर्फ थलसेना के कमांडर ही दिशा-निर्देश जारी कर सकते थे, लेकिन अगर अब कोई थलसेना का अधिकारी नौसेना (या वायुसेना) के कमांडर के अंतर्गत काम करता है तो नौसेना का कमांडर थलसेना (या वायुसेना) के अधिकारी के खिलाफ कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है.

साउथ ब्लॉक में तीनों सेनाओं के अधिकारी कार्यरत हैं
देश में अभी दो ऐसी कमान और तीन ऐसी डिवीजन हैं, जहां तीनों सेनाओं के अधिकारी और सैनिक एक साथ मिलकर काम करते हैं. ये कमान हैं अंडमान निकोबार और स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड. स्पेशल फोर्स ऑपरेशन, साइबर डिफेंस डिवीजन और डिफेंस स्पेस एजेंसी में भी तीनों अंगों के साझा अधिकारी एक ही कमांड के नीचे कार्यरत हैं. इसके अलावा साउथ ब्लॉक स्थित सीडीएस ऑफिस में तीनों सेनाओं के अधिकारी एक ही छत के नीचे कार्यरत हैं.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान थल सेना के आकाशतीर सिस्टम ने भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर ही पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल अटैक को विफल किया था. निकट भविष्य में थिएटर कमान बनने से तीनों अंगों की साझा और एकीकृत कमान हो जाएंगी. ऐसे में नई नियमावली जरूरी थी.

‘सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता मजबूत होगी’
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम 2023 का उद्देश्य अंतर-सेवा संगठनों (आईएसओ) की प्रभावी कमान, नियंत्रण और कुशल कार्यप्रणाली को बढ़ावा देना है जिससे सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता मजबूत होगी. इस विधेयक को 2023 के मॉनसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों ने पारित किया था. इसे 15 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और 8 मई, 2024 के राजपत्र अधिसूचना के अनुसार यह अधिनियम 10 मई, 2024 से लागू हो गया. इसके बाद आईएसओ को 27 दिसंबर, 2024 के राजपत्र अधिसूचना संख्या एसआरओ 72 के माध्यम से अधिसूचित किया गया.

यह अधिनियम आईएसओ के कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को अपने अधीन सेवारत सेवा कर्मियों पर नियंत्रण रखने का अधिकार देता है, जिससे संगठनों के भीतर अनुशासन और प्रशासन सुनिश्चित होता है. यह सशस्त्र बलों की प्रत्येक शाखा पर लागू विशिष्ट सेवा शर्तों में बदलाव किए बिना हासिल किया जाता है. अधिनियम की धारा 11 के अंतर्गत तैयार किए गए नए अधिसूचित अधीनस्थ नियमों का उद्देश्य, कानून में निर्धारित प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुगम बनाना है. ये नियम आईएसओ के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण है और अनुशासन, प्रशासनिक नियंत्रण और परिचालन तालमेल के लिए एक व्यापक ढांचा स्थापित करते हैं.

इन नियमों की अधिसूचना के साथ ही यह अधिनियम अब पूरी तरह से लागू हो गया है. इससे आईएसओ के प्रमुखों को अधिकार प्राप्त होंगे. अनुशासनात्मक मामलों का शीघ्र निपटारा संभव होगा और कार्यवाही के दोहराव से बचने में मदद मिलेगी.

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