SC continues stay on controversial provisions | वक्फ संशोधन कानून की विवादित धाराओं पर SC ने जारी रखी रोक, मौलाना अरशद मदनी ने कहा
Supreme Court on Waqf Amendment Act: वक्फ संशोधन कानून, 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज यानी गुरुवार (15 मई) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई अब अगले सप्ताह मंगलवार (20 मई) को करने का आदेश दिया. अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट अंतरिम स्टे से संबंधित पक्षकारों की दलीलों को सुनेगी.
मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई और जस्टिस जॉर्ज मसीह की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर बहस के लिए वकीलों को दो-दो घंटे का समय दिया जाएगा और विपक्षी ओर पक्ष को जवाब देने के लिए भी दो घंटे का समय दिया जाएगा.
कपिल सिब्बल की ओर से तैयार नोट का जवाब कोर्ट में दाखिल करेगी केंद्र सरकार
सुनवाई के दौरान जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने एक संक्षिप्त नोट तैयार किया है जिसके आधार पर ही बहस की जाएगी. कपिल सिब्बल की ओर से तैयार नोट का जवाब केंद्र सरकार सोमवार (19 मई) तक अदालत में दाखिल करेगी, इस बात की पुष्टि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CJI को की है. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई मंगलवार (20 मई) को करेगा.
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर बोले जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष
SC की ओर से निर्धारित पांच याचिकाओं में मौलाना अरशद मदनी की याचिका भी है. जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, “आशाजनक बात यह रही कि विवादित धाराओं पर रोक को अदालत ने बरकरार रखा है.” उन्होंने कहा, “अगली सुनवाई में दोनों पक्षों के वकीलों को दो-दो घंटे का समय बहस के लिए दिया गया है. यह इस बात का संकेत है कि अदालत इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द से जल्द इसकी सुनवाई पूरी करना चाहती है.”
मौलाना मदनी ने आगे कहा, “हम भी यही चाहते हैं कि इस पर अदालत का अंतिम फैसला जल्दी से आ जाए, क्योंकि अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक नए वक्फ कानून की विवादित धाराओं पर रोक के बावजूद कई स्थानों पर मस्जिदों और दरगाहों को अवैध करार देकर गिरा दिया गया है. इसमें उत्तराखंड स्थित एक वक्फ दरगाह का मामला भी शामिल है. इसी तरह उत्तर प्रदेश के नेपाल सीमा से लगे जिलों में कई मदरसों, कब्रिस्तानों, ईदगाहों ही नहीं, बल्कि कई मस्जिदों को भी अवैध या सरकारी जमीन पर स्थित बताकर तोड़ दिया गया है.”
वक्फ संपत्तियों पर सबसे ज्यादा कब्जा सरकार ने किया- मौलाना मदनी
उन्होंने कहा, “जो लोग संविधान की सर्वोच्चता को खत्म कर चुके हों, उनसे यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि वे कानून का सम्मान करेंगे? ये वही लोग हैं जो सत्ता के नशे में खुद को ही कानून समझ बैठे हैं.” उन्होंने कहा, “वक्फ ‘दान’ का ही एक रूप है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि वक्फ को लेकर पिछले कुछ समय से बेहद गलत प्रचार किया गया है और बहुसंख्यक समुदाय को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की गई है कि वक्फ की आड़ में मुसलमानों ने सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रखा है. जबकि दुखद सच्चाई यह है कि वक्फ संपत्तियों पर सबसे ज्यादा कब्जा सरकार ने ही कर रखा है. और यह वक्फ संशोधन कानून इसलिए लाया गया है ताकि इस अवैध कब्जे को कानूनी जामा पहनाने के साथ-साथ अन्य वक्फ संपत्तियों पर भी कब्जा करने का रास्ता आसान किया जा सके.”
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