Rahul Gandhi Advise To Congress Spokesperson And Media Panellist Do not fall into BJP trap be aggressive on your issue ANN

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Congress Training Session: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने देश भर के अपने सभी प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट की दिल्ली में आज शुक्रवार (23 मई, 2025) को एक ट्रेनिंग सेशन रखा गया. इस ट्रैनिंग सेशन में देशभर से करीब 142 प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्ट पंहुचे थे. ये ट्रेनिंग दिल्ली में कांग्रेस के नए ऑफिस इंदिरा भवन में आयोजित की गई. इस दौरान लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी इस ट्रेनिंग सेशन में पंहुचे और सभी को संबोधित भी किया.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस दौरान राहुल गांधी ने सभी प्रवक्ताओं और मीडिया पैनेलिस्ट को हर मुद्दे पर पार्टी की बात किस तरह से टीवी और बाकी प्लेटफॉर्म पर रखनी है, इसको लेकर नसीहत दी. राहुल गांधी ने इस बैठक में कहा कि हमें बीजेपी के ट्रैप में नहीं फंसना है, बीजेपी की पिच पर जाकर बैटिंग करनी है. राहुल ने कहा कि बीजेपी तथ्यहीन पार्टी है. हमारे पास हर मुद्दे पर तथ्य है आप हमें उसी आधार पर डिबेट करनी चाहिए.

टीवी डिबेट को लेकर राहुल गांधी की कांग्रेस नेताओं को नसीहत

राहुल गांधी ने प्रवक्ताओं को नसीहत देते हुए आगे कहा कि टीवी डिबेट में अपना पक्ष आक्रामक तरीके से रखें, हमें डिफेंसिव नहीं होना है. अपनी बातों को प्रमुखता से रखना है. क्योंकि आपका मुकाबला स्तरहीन लोगों से है, आपको उस स्तर पर उतर के बहस नहीं करनी है. राहुल ने आगे कहा कि टीवी पर ज्यादातर लोग एक ही भाषा बोलते है, आपको अकेले उनका सामना करना है. इसलिए, आपको बहादुरी से तथ्य रखना है. अगर बोलने का मौका न दिया जाए तो आप अपना पक्ष आक्रामक तरीके से रखने के बाद डिबेट छोड़ दीजिए.

मल्लिकार्जुन खरगे का वीडियो संदेश

इस दौरान बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का वीडियो संदेश भी सभी के सामने रखा गया. अपने वीडियो संदेश में खरगे ने कहा कि यह कार्यशाला केवल एक कार्यक्रम नहीं है, यह हमारे विचार और संघर्ष की निरंतरता है. आज जब देश जातीय न्याय की बात कर रहा है, तब कांग्रेस पार्टी का यह दायित्व बनता है कि वह इस विमर्श को दिशा दे, उसे नारे से नीति तक ले जाए और जितनी आबादी उतना हक को केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प बनाए.

जातिगत जनगणना पर क्या बोले मल्लिकार्जुन खरगे

खरगे ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि जातिगत जनगणना का मुद्दा कोई नया नहीं है. कांग्रेस पार्टी ने इसे लगातार उठाया है, हमारे घोषणापत्रों में, संसद में, सड़कों पर और हर उस मंच पर जहां सामाजिक न्याय की बात होनी चाहिए. मैंने स्वयं अप्रैल 2023 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग दोहराई थी कि जाति जनगणना को तत्काल शुरू किया जाए. उस पत्र में मैंने साफ कहा था, जब तक हमारे पास सही आंकड़े नहीं होंगे, तब तक कोई भी सरकार यह दावा नहीं कर सकती कि वह सबको न्याय दिला रही है.

उन्होंने अपने संदेश में आगे कहा कि हमें यह पूछना है OBC, दलित और आदिवासी समुदायों की देश के सत्ता-संरचनाओं में भागीदारी क्या है? क्या वे मीडिया में, नौकरशाही में, न्यायपालिका में, कॉर्पोरेट सेक्टर में और उच्च शिक्षा संस्थानों में अपनी आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व रखते हैं? अगर नहीं, तो इसका कारण क्या है? और समाधान क्या है?

खरगे ने कहा कि इसका समाधान है सच्चाई को सामने लाना, आंकड़ों को सार्वजनिक करना और फिर नीतियों का पुनर्निर्माण करना. यही कारण है कि जाति जनगणना को हम केवल एक आंकड़ों की कवायद नहीं मानते, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र का नैतिक दायित्व है.

शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की बात

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि हमें यह भी स्पष्ट रूप से मांग करनी है कि संविधान के अनुच्छेद 15(5) को तुरंत लागू किया जाए, जिससे OBC, दलित और आदिवासी छात्रों को निजी शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिले. आज जब शिक्षा का बड़ा हिस्सा निजी क्षेत्र में केंद्रित हो गया है, तब इन समुदायों को उस पहुंच से वंचित रखना एक प्रकार का शोषण है. कांग्रेस का मानना है कि शिक्षा में समान अवसर के बिना कोई भी समाज बराबरी का नहीं हो सकता.

उन्होंने आगे कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि 50% आरक्षण की सीमा पर अब नए आंकड़ों के आलोक में पुनर्विचार हो. जब सामाजिक वास्तविकताएं बदल चुकी हैं और आंकड़े नई तस्वीर पेश कर रहे हैं, तो हमारी नीतियों में भी उसी अनुरूप परिवर्तन होना चाहिए. आरक्षण की वर्तमान सीमा को आंकड़ों और न्याय दोनों के संतुलन से देखा जाना चाहिए, ताकि OBC, दलित और आदिवासी समुदायों को उनका वास्तविक हक मिल सके.

तेलंगाना जाति सर्वे का दिया उदाहरण

खरगे ने कहा कि तेलंगाना में जो जाति सर्वेक्षण हुआ, उसने एक मॉडल प्रस्तुत किया, जिसमें समाज, विशेषज्ञ और सरकार सभी की भागीदारी रही. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार भी ऐसा ही जन-संवादी और पारदर्शी मॉडल अपनाए. हम इस प्रक्रिया में सहयोग करने को तैयार हैं. आप सभी हमारे पार्टी के प्रवक्ता हैं, हमारे विचारों की आवाज हैं. आज जब देश जाति जनगणना को लेकर जागरूक हो रहा है, तब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम तथ्यों के साथ, संवेदनशीलता के साथ, और निडर होकर इस विषय को जनता के बीच ले जाएं. यह न केवल सामाजिक न्याय की लड़ाई है, बल्कि संविधान की आत्मा की रक्षा की लड़ाई है.

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