Kolkata Law College Case 3 accused expelled institute police says revealing identity of victim legal violation
Kolkata Law College Case: साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज के अधिकारियों ने 24 साल की छात्रा से गैंगरेप के तीन आरोपियों को कॉलेज से निकाल दिया है. एक अधिकारी ने मंगलवार (01 जुलाई, 2025) को यह जानकारी दी.
कोलकाता पुलिस ने रेप पीड़िता की पहचान को सामने लाने को कानून का गंभीर उल्लंघन बताया और ऐसा करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी जारी की.
1 जुलाई तक पुलिस की कस्टडी में आरोपी
कॉलेज से निष्कासित किए गए छात्रों में मुख्य आरोपी ‘मनोजीत मिश्रा’ भी शामिल है, जो कॉलेज में एडॉक फैकल्टी मेंबर के रूप में काम करता था. मिश्रा को कॉलेज के छात्र और सह-आरोपियों जैब अहमद और प्रोमित मुखर्जी के साथ गिरफ्तार किया गया और एक जुलाई तक पुलिस हिरासत में रिमांड पर भेजा गया है.
तृणमूल कांग्रेस के विधायक अशोक कुमार देब की अध्यक्षता में कॉलेज की शासकीय निकाय की बैठक के बाद कॉलेज ने मिश्रा की सेवाएं समाप्त करने और दो छात्रों को निष्कासित करने की घोषणा की.
कॉलेज की सुरक्षा एजेंसी को कारण बताओ नोटिस
देब ने संवाददाताओं से कहा, ‘मिश्रा की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया गया है और दो अन्य छात्रों को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया जाएगा. कॉलेज परिसर की सुरक्षा के लिए नियुक्त सुरक्षा एजेंसी को भी कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा.’
कॉलेज प्रशासन की ओर से यह कार्रवाई कॉलेज परिसर में हुई कथित घटना को लेकर बढ़ते जनाक्रोश के बीच की गई है, जिसके कारण जवाबदेही और परिसर में सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार की मजबूत मांग उठी. कॉलेज के उप-प्राचार्य के अनुसार, मिश्रा को लगभग 45 दिन पहले अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था.
पहले भी मिश्रा को कॉलेज से निकाला गया था बाहर
कॉलेज के रिकॉर्ड से पता चला कि मिश्रा पहले संस्थान का छात्र था और 2013 में उसका दाखिला हुआ था. उसी साल कालीघाट थाना क्षेत्र अंतर्गत चेतला ब्रिज पर एक युवक को चाकू मारने के आरोप में उसे संस्थान से निकाल दिया गया था. मिश्रा उस समय पुलिस की पहुंच से गायब हो गया था, लेकिन 2017 में वह फिर से सामने आया और कॉलेज में दोबारा दाखिला लिया, जहां से वह 2022 में पास हुआ. वह तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) से भी जुड़ा था और पूर्व छात्रों के अनुसार, कॉलेज के भीतर उसका काफी दबदबा था.
संस्थान के एक पूर्व छात्र टिटस मन्ना ने स्थानीय समाचार चैनल को बताया, ‘दिसंबर 2016 में उस पर कॉलेज परिसर में तोड़फोड़ करने के लिए बाहरी लोगों की भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप लगा था. घटना के सिलसिले में कस्बा थाने में प्राथमिकी और जवाबी प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन किसी अज्ञात कारण से मामले वापस ले लिए गए.’
पीड़िता की पहचान उजागर करना कानूनी उल्लंघन
इस बीच, कोलकाता पुलिस ने पीड़ित छात्रा की पहचान सामने लाने का प्रयास करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी जारी की. पुलिस ने बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने को कानून का गंभीर उल्लंघन बताया.
मंगलवार को जारी परामर्श में कहा गया है, ‘यह संज्ञान में आया है कि कुछ व्यक्ति गोपनीय दस्तावेजों के प्रसार या अन्य तरीकों से कस्बा मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं. यह कानून का गंभीर उल्लंघन है.’
पुलिस ने सोशल मीडिया पर शेयर किया बयान
कोलकाता पुलिस ने चेतावनी दी कि सीधे या परोक्ष रूप से पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले दस्तावेज, चित्र या सोशल मीडिया सामग्री सहित कोई भी सामग्री साझा करना संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत दंडनीय है.
सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए पुलिस के बयान में कहा गया है, ‘ऐसे कृत्यों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ संबंधित प्रावधानों के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. लोगों को सख्ती से सलाह दी जाती है कि वे ऐसी कोई भी जानकारी साझा ना करें, जिससे पीड़िता की पहचान उजागर हो.’
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