Jammu Kashmir Government declared Amarnath yatra routes No Flying Zone
Amarnath Yatra Security: हर साल लाखों श्रद्धालु आस्था और भक्ति के साथ अमरनाथ यात्रा पर निकलते हैं. इस बार भी भक्तों की भीड़ अमरनाथ यात्रा के तैयार है. इसके मद्देनजर सरकार सुरक्षा को लेकर कोई चूक नहीं करना चाहती है. हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रा के पूरे मार्ग को ‘नो-फ्लाइंग जोन’ घोषित कर दिया है. यह सख्त कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए उठाया गया है.
1 जुलाई से 10 अगस्त तक लागू रहेगा नो-फ्लाइंग जोन
जम्मू-कश्मीर गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 1 जुलाई से 10 अगस्त तक अमरनाथ यात्रा के दौरान पूरे तीर्थमार्ग को नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है. इसमें पहलगाम और बालटाल दोनों रूट शामिल हैं. इसका मतलब यह है कि इन मार्गों पर ड्रोन, UAV, गुब्बारे या कोई अन्य हवाई उपकरण उड़ाना सख्त रूप से प्रतिबंधित रहेगा. यह निर्णय भारत सरकार के गृह मंत्रालय की सलाह पर लिया गया है ताकि तीर्थयात्रियों और सुरक्षा बलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
आपात स्थिति को छोड़कर सब पर रोक, SOP जल्द
हालांकि यह प्रतिबंध मेडिकल इमरजेंसी, आपदा प्रबंधन या सुरक्षा बलों द्वारा किए जाने वाले निगरानी अभियानों पर लागू नहीं होगा. ऐसे विशेष मामलों के लिए सरकार जल्द ही एक विस्तृत स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी करेगी.
इसके अलावा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए मंगलवार को श्रीनगर पहुंच रहे हैं. वे सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर अमरनाथ यात्रा और जम्मू-कश्मीर के मौजूदा सुरक्षा हालात पर विचार करेंगे.
हाईटेक सुरक्षा इंतजाम: निगरानी, ट्रैकिंग और आपात सेवाएं
सरकार की ओर से इस बार यात्रा मार्गों पर ड्रोन से निगरानी, रात्रि गश्त और रोड ओपनिंग पार्टियों की तैनाती की गई है. अधिकारियों ने बताया कि संवेदनशील इलाकों की पहचान कर ली गई है और वहां विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए सरकार ने:
- RFID (रेडियो फ्रिक्वेंसी पहचान) ट्रैकिंग
- रीयल टाइम मौसम अलर्ट
- आपातकालीन निकासी योजना
- समर्पित स्वास्थ्य शिविरों की व्यवस्था की है
इससे पहले ही संयुक्त सुरक्षा अभ्यास शुरू हो चुका है और एक बहु-स्तरीय सुरक्षा तंत्र को सक्रिय किया जा रहा है, जिसमें जमीनी और हवाई निगरानी दोनों शामिल हैं.
580 कंपनियों की भारी तैनाती
अमरनाथ यात्रा के दौरान केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (CAPF) की 580 कंपनियों को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया जाएगा, ताकि यात्रा शांतिपूर्वक और सुरक्षित ढंग से पूरी हो सके. सरकार की यह पूरी योजना यह सुनिश्चित करने के लिए है कि इस बार की यात्रा बिना किसी बाधा के श्रद्धा और विश्वास के साथ पूरी हो और कोई भी सुरक्षा चूक न हो.
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