IMF से जितने कर्ज के लिए पाकिस्तान ने घिस दी एड़ियां, भारत के खाते में आने वाली है उससे 20 गुना ज्यादा रकम, लौटानी भी नहीं
<p style="text-align: justify;">पाकिस्तान ने इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF) से जितनी रकम लेने के लिए एड़ियां घिसी हैं, उससे भी 20 गुना ज्यादा भारत को तोहफे के तौर पर मिलने वाली है. पाकिस्तान को आईएमएफ ने कर्ज दिया, जो उसको लौटाना है, लेकिन भारत को जो राशि मिलेगी, वो लौटानी नहीं है. कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से एक बड़ा अमाउंट डिविडेंड के तौर पर सरकार को मिल सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;">10 मई को आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए 1 बिलियन डॉलर का लोन अप्रूव किया था, जो उसके 7 बिलियन डॉलर के कर्जे की दूसरी इंस्टॉलमेंट है. 2023 में अप्रूव 7 बिलियन डॉलर के लोन की हर साल एक किस्त पाकिस्तान को दी जाती है. 1 बिलियन डॉलर के अलावा, आईएमएफ रेजिलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी के रूप में 1.4 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त लोन भी अप्रूव कर चुका है, यानि कुल 2.4 बिलियन डॉलर का लोन पाकिस्तान को 10 मई को दिया गया.</p>
<p style="text-align: justify;">अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस साल आरबीआई से डिविडेंड के तौर पर सरकार को करीब 36 बिलियन डॉलर यानी तीन लाख करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं, जो पिछली बार से बहुत ज्यादा है. 2024 में आरबीआई से सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये डिविडेंड के तौर पर मिले थे. </p>
<p style="text-align: justify;">रिजर्व बैंक सरप्लस इनकम से सरकार को डिविडेंड देती है, जो आरबीआई निवेश और डॉलर को रखने के बाद वैल्यूएशन में बढ़ोतरी से कमाता है और इसमें करेंसी प्रिंट करने से मिलने वाली फीस भी शामिल है. रिजर्व बैंक को इससे जो मुनाफ होता है, उसका कुछ हिस्सा वह सरकार को देता है. </p>
<p style="text-align: justify;">केनरा बैंक के चीफ इकॉनोमिस्ट माधवनकुट्टी जी ग्रुप ने कहा कि आरबीआई ने विदेशी मुद्रा परिचालन और रेपो ऑपरेशन से पर्याप्त लाभ कमाया होगा. आरबीआई की सरप्लस इनकम या डिविडेंड पर उत्सुकता से नजर रखी जा रही है क्योंकि रिजर्व बैंक ने इस बार काफी डॉलर बेचें हैं, जिससे आय में वृद्धि की उम्मीद है.</p>
<p style="text-align: justify;">रिजर्व बैंक ने पिछले साल अप्रैल से 2025 में फरवरी के बीच 371.551 बिलियन डॉलर के डॉलर बेचे और इस दौरान 322.685 डॉलर की खरीदारी की, जिसकी वजह से अच्छे रेवेन्यू की उम्मीद है. सिंपल लॉजिक है कि आरबीआई ने जब डॉलर की कीमत कम थी तो डॉलर खरीद लिए और कीमत बढ़ने पर बेच दिए. ये डॉलर 83-84 रुपये की कीमत पर खरीदे गए और 84-87 रुपये की कीमत पर बेच दिए, इस तरह केंद्रीय बैंक को मुनाफा हुआ.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:-</strong><br /><strong><a href="https://www.abplive.com/news/india/india-preparations-chandrayaan-5-mission-isro-meeting-with-japanese-space-agency-jaxa-2944814">पाकिस्तान, चीन, तुर्किए और अजरबैजान को लगेगा सदमा, Chandrayaan-5 की तैयारी शुरू, भारत ने कर लिया ये बड़ा काम</a></strong></p>
Source link
Economy,IMF,Reserve Bank,RBI,Pakistan, Shehbaz Sharif, Pakistan loan, Pakistan total loan, IMF loan to Pakistan, RBI Dividend