Hyderabad Rajendranagar University situation is similar to that of HCU due to tree felling stress ann
हैदराबाद के राजेंद्रनगर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में बीती रात तनावपूर्ण स्थिति देखने को मिली. सरकार ने विश्वविद्यालय के बॉटेनिकल गार्डन में 20 जेसीबी मशीनों की मदद से बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई शुरू की. इस कदम का विरोध करने के लिए सैंकड़ों छात्र सड़कों पर उतर आए. छात्रों ने नारा लगाया, “वृक्षों रक्षति रक्षितः” (पेड़ों की रक्षा करने से हमारी रक्षा होती है) और सरकार से सवाल किया कि हरे-भरे पेड़ों को क्यों काटा जा रहा है.
छात्रों का कहना है कि सरकार ने पहले 100 एकड़ जमीन हाईकोर्ट निर्माण के लिए ली थी और अब “वन महोत्सव” के नाम पर 20 एकड़ जमीन को समतल किया जा रहा है. रात के समय भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और छात्रों को तितर-बितर करने की कोशिश की. पुलिस ने हॉस्टल के पास कड़ा पहरा लगा दिया और छात्रों को उनके कमरों से बाहर निकलने से रोका. छात्रों ने पुलिस के व्यवहार की निंदा की और इसे “दमनकारी” बताया. एक छात्र, रमेश ने कहा, “पुलिस हमें डराने की कोशिश कर रही है. हम सिर्फ अपने पर्यावरण को बचाना चाहते हैं.”
विश्वविद्यालय की तरफ से क्या कहा गया ?
विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार ने कहा, “ये पेड़ हमारे परिसर की शान हैं. इन्हें काटना पर्यावरण के लिए बड़ा नुकसान है. सरकार को पहले बातचीत करनी चाहिए थी.” दूसरी ओर, एक सरकारी अधिकारी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “यह कटाई योजनाबद्ध विकास का हिस्सा है. हम नए पेड़ लगाकर नुकसान की भरपाई करेंगे.”
छात्रों ने ऐलान किया है कि वे कल होने वाले मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का विरोध करेंगे. उनका कहना है कि “वन महोत्सव” के नाम पर हरे पेड़ों को काटना पर्यावरण के साथ धोखा है. यह घटना हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (HCU) में हुए पिछले विरोध प्रदर्शनों की याद दिलाती है, जहां छात्रों ने भी प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई थी. स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है और लोग सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं.
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