DRDO going to test hypersonic missile ET-LDHCM Know technology features and strategic importance big danger for china and pakistan
India Hypersonic Missile: ET-LDHCM DRDO जल्द ही एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी – लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (ET-LDHCM) का परीक्षण करने वाला है. ET-LDHCM यानी Extended Trajectory – Long Duration Hypersonic Cruise Missile, भारत की अब तक की सबसे उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल परियोजना है. यह प्रोजेक्ट विष्णु का हिस्सा है और इसका विकास DRDO ने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से किया है. यह मिसाइल ध्वनि की गति से पांच गुना ज्यादा तेज (मैक 8 या 11,000 किमी/घंटा) गति से उड़ सकती है और 1,500 किमी से अधिक रेंज के साथ दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों को मिनटों में ध्वस्त कर सकती है. इस मिसाइल से भारत की सैन्य ताकत को मजबूती मिलेगी.
ET-LDHCM मिसाइल 1 सेकंड में लगभग 3 किमी दूरी तय कर सकती है. इसकी गति इतनी अधिक है कि दुश्मन के रडार इसे डिटेक्ट या इंटरसेप्ट नहीं कर सकते. ET-LDHCM की मारक क्षमता 1,500 किमी से अधिक है, जिससे यह पाकिस्तान और चीन के सैन्य ठिकानों तक आसानी से पहुंच सकती है. यह हवा, जमीन और समुद्र तीनों प्लेटफॉर्म से लॉन्च की जा सकती है. मिसाइल में लगा स्क्रैमजेट इंजन हवा से ऑक्सीजन लेकर ईंधन जलाता है, जिससे यह लंबे समय तक हाइपरसोनिक गति बनाए रख सकती है. DRDO ने 2025 में इसका 1,000 सेकंड तक सफल ग्राउंड टेस्ट किया है.
ET-LDHCM मिसाइल की खूबी
ET-LDHCM मिसाइल कई तरह की खूबियों से लैस है, जो इसे बेहद ही शानदार हथियार बनाता है. अगर इसकी स्पेसिफिकेशन की बात करें तो वह इस प्रकार है.
- यह लो-एल्टीट्यूड पर उड़ान भरती है.
- दिशा बदल सकती है (maneuverable trajectory).
- हाई टेम्परेचर को झेलने वाले मटेरियल से बनी हुई है, जो (2,000°C तक) है और ऑक्सीकरण-रोधी कोटिंग भी इसमें लगाई गई है. इसका मतलब ये धूप और पानी से खराब नहीं होगी.
- ET-LDHCM में 1000–2000 किलोग्राम तक का परमाणु या पारंपरिक पेलोड ले जाने की क्षमता है. यह इसे एक टैक्टिकल और स्ट्रैटेजिक दोनों हथियार बनाता है.
भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ET-LDHCM?
यह मिसाइल भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसी हाइपरसोनिक तकनीक वाली शक्तियों की कतार में लाती है. RAW और सेना को ऑपरेशन-लेवल पर दुश्मन के भीतर सर्जिकल हाइपरसोनिक अटैक की सुविधा मिलती है. यह पूरी तरह मेक इन इंडिया परियोजना है. हैदराबाद स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स में DRDO और निजी भागीदारों के सहयोग से इसे बनाया गया है. पाकिस्तान और चीन के लगातार मिसाइल परीक्षण और सीमा विवादों के बीच ET-LDHCM भारत को निर्णायक सामरिक बढ़त देता है. हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी के साथ भारत को सैटेलाइट लॉन्च, वायुयान, और आपदा प्रबंधन में भी उच्च स्तरीय तकनीक मिलेगी. इससे जुड़े प्रोजेक्ट्स में हजारों नौकरियां और MSME सेक्टर में अवसर भी मिलेंगे.
ET-LDHCM मिसाइल किन स्थितियों में उपयोगी है?
ET-LDHCM मिसाइल लैंड अटैक मिशन (रडार, बंकर, सैन्य बेस) में कारगर साबित हो सकती है. ये एंटी-शिप मिशन (डेस्ट्रॉयर, एयरक्राफ्ट कैरियर) और स्ट्रैटेजिक मिशन (दुश्मन की सामरिक संपत्तियों) को नष्ट करने में मददगार साबित हो सकती है.
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