Defense Minister Rajnath Singh talk about India zero tolerance policy against terrorism and how given global message through Operation Sindoor
Rajnath Singh Statement: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद जैसे संवेदनशील मुद्दे पर अपनी राय रखी. उन्होंने इससे जुड़े कई अहम पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया. रक्षामंत्री ने एक लेख में लिखा कि आज के समय में आतंकवाद एक क्षेत्रीय या राजनीतिक संकट नहीं, बल्कि समस्त मानवता के अस्तित्व के लिए चुनौती बन चुका है. यह मानवाधिकार, लोकतंत्र, शांति और सह-अस्तित्व जैसे मूल्यों को सीधे-सीधे चुनौती दे रहा है. भारत, जो दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है, अब केवल पीड़ित नहीं बल्कि संगठित और निर्णायक प्रतिकार का नेतृत्व कर रहा है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 5 जरूरी सूत्र बताए, जिसकी मदद से आतंक के खिलाफ लड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि आतंक की विचारधारा न केवल विनाश और भय को बढ़ावा देती है, बल्कि मजहब, विचारधारा या राजनीति के नाम पर उसे वैधता देने की कोशिश करती है, जो बिलकुल अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत केवल आतंकी हमलों का जवाब कूटनीतिक विरोध या सख्त बयान के रूप में देता था, लेकिन 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और अब 2025 का ऑपरेशन सिंदूर इस नीति में आए मौलिक परिवर्तन के प्रतीक हैं.
आतंक के खिलाफ भारत की नीति
- राजनाथ सिंह ने आतंक के खिलाफ भारत की नीति स्पष्ट रूप से पेश करते हुए जरूरी चीजों पर ध्यान देनें की बात कही, जो इस प्रकार है.
- आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता होनी जरूरी है. (Zero Tolerance towards terrorism)
- राज्य और गैर-राज्य अभिनेताओं के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए. (No distinction between state and non-state actors)
- स्रोत पर जवाबी कार्रवाई होना चाहिए न कि केवल घरेलू प्रतिक्रिया दे कर छोड़ देना चाहिए. (Retaliation at source, not just response at home)
- आतंकवाद प्रायोजकों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्दाफाश करना जरूरी है. (International exposure of terror sponsors)
- आतंकवाद का साथ देने वाले देश को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करना जरूरी है. (It is necessary to isolate the country that supports terrorism at the global level)
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक नीति का प्रमाण
ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि ये केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सोच और संकल्प का प्रमाण है. इसके माध्यम से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकियों को उनकी पनाहगाह में ही नष्ट किया जाएगा, चाहे वे कहीं भी हों और किसी का भी समर्थन प्राप्त हो. इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकी ढांचे को ध्वस्त किया बल्कि उन राष्ट्रों को भी चेतावनी दी जो आतंक को रणनीतिक साधन के रूप में उपयोग करते हैं.
पाकिस्तान: राज्य प्रायोजित आतंकवाद का पर्याय
भारत दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहा है. पठानकोट, उरी, पुलवामा और अब पहलगाम जैसे हमलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान का आतंकवाद से संबंध संगठित और स्थायी है. हाल ही में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करते हुए सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से स्थगित कर कड़ा संदेश दिया. IMF और FATF मंचों पर आर्थिक सहायता पर रोक लगाने की मांग की. FATF ग्रे लिस्ट में बनाए रखने की सिफारिश की. न्यायिक प्रत्यर्पण और आतंकी पनाहगाहों की उजागर रिपोर्टिंग पर जोर दिया.
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