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Congress on Modi Government: संसद का विशेष सत्र न बुलाकर सर्वदलीय डेलीगेशन को विदेश भेजने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ अब पूरा विपक्ष लामबंद होने की तैयारी में है. दरअसल, विपक्षी पार्टियों का कहना है कि संसद का सत्र न बुलाकर सरकार ने दूसरे देशों को पाकिस्तान और भारत के बीच हुए संघर्ष की जानकारी देनी प्राथमिकता समझी. ये संसद और देश को अपमानित करने जैसा है.
वहीं, विपक्ष इस बात को लेकर भी सवाल उठा रहा है कि जिस विदेश कूटनीति का मोदी सरकार दम भरती थी वो पूरी तरह विफल साबित हुई, क्योंकि इस दौरान एक भी देश खुलकर भारत के सपोर्ट और पाकिस्तान के विरोध में समाने नहीं आया. यही वजह है कि अब पाकिस्तान की सच्चाई दूसरे देशों के सामने रखने के लिए सरकार को विपक्षी दलों के सांसदों का सहारा लेना पड़ रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि इन मुद्दों पर सभी विपक्षी पार्टियों एक होकर सरकार को घेरने की तैयारी में है.
केंद्र सरकार की विदेश कूटनीति पर कांग्रेस को शक
कांग्रेस ने भले ही विदेश भेजे जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में पार्टी की तरफ से भेजे गए नामों को सरकार की ओर से शामिल नहीं किए जाने के बाद भी अपने नेताओं को इसमें जाने से नहीं रोका हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी अब इस बात को लेकर मुद्दा जरूर बना रही है कि जिस सरकार ने 11 सालों तक प्रधानमंत्री मोदी के विश्व गुरू बन जाने की बात कही. जिस सरकार ने भारत को विश्व पटल पर अग्रणी देशों में शामिल करवाने पर खूब वाहवाही लूटी हो, उसी सरकार के दावों की पोल पहली बार तब खुल गई, जब कोई देश खुलकर भारत के सपोर्ट में नहीं आया. दूसरा तब जब सरकार को पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा की सच्चाई जब दूसरे देशों के सामने रखनी हो तब विपक्ष के सासंद का सहारा लेने की जरूरत पड़ रही है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्र पर साधा निशाना
इस पूरे मामले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सरकार को घेरते हुए कहा, “मुझे लगता है कि सांसदों के डेलीगेशन को विदेश भेजना ये एक और ध्यान भटकाने की कोशिश है. यह सिर्फ एक पब्लिक रिलेशन की कोशिश है. हम आतंकवाद और आतंकी हमलों, चीन, पाकिस्तान जैसे असली मुद्दे उठा रहे हैं तो फिर सरकार संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुला रही है?
उन्होंने कहा, “22 अप्रैल से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार सर्वदलीय बैठक की मांग कर रहे हैं. दो बैठकें हुईं, लेकिन प्रधानमंत्री उनमें मौजूद नहीं थे. बाद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की, ताकि पहलगाम हमले से उत्पन्न राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हो सके. लेकिन अब तक उसका जवाब नहीं मिला.
ध्यान भटकाने की कोशिश में लगी हुई है केंद्र सरकार- जयराम
सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा, “चीन के मुद्दे पर भी अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है. इस सबके बीच ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना की घोषणा कर दी. जब हमने अपनी मांगें जारी रखीं, तब सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों के गठन की घोषणा कर दी.
जयराम ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि यह फिर से ध्यान भटकाने की कोशिश है. यह एक पीआर स्ट्रेटेजी है. हम असली मुद्दे उठा रहे हैं. आतंकवाद, आतंकी हमले, चीन, पाकिस्तान जैसे मुद्दे उठा रहे है तो फिर संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया जा रहा?
साफ है कि कांग्रेस जो पहले पहलगाम घटना के बाद सरकार का हर कदम पर लगातार साथ देने की बात कर रही थी वो अब सीजफायर के बाद अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करती हुयी नजर आ रही है. इसी कड़ी में इस बार कांग्रेस ने सरकार को विदेश नीति के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की है.
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