Bihar Election: तेजस्वी ने ओवैसी के साथ खेल कर दिया, बिहार में बनेगा तीसरा मोर्चा?

0 0
Read Time:6 Minute, 17 Second


<p style="text-align: justify;">तेजस्वी यादव की आरजेडी और राहुल गांधी की कांग्रेस के साथ महागठबंधन का साझीदार बनने की कोशिश में जुटे एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को बड़ा झटका लग गया है. बिहार चुनाव में महागठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ने का ख्वाब पाले ओवैसी को तेजस्वी ने ऐसा हाथ खींचा है कि अब ओवैसी के सामने बिहार चुनाव में अकेले उतरने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा है. लेकिन सवाल है कि तेजस्वी के लिए ओवैसी का साथ क्या सच में खतरनाक था या फिर अकेले चुनाव लड़ने वाले ओवैसी तेजस्वी को ज्यादा नुकसान करेंगे या फिर असदुद्दीन ओवैसी बिहार की उन तमाम पार्टियों को एक मंच पुर लाकर तीसरा मोर्चा बनाएंगे जो अभी तक न तो एनडीए के पाले में हैं और न ही महागठबंधन के. आखिर क्या है तेजस्वी और ओवैसी के बीच बनते-बनते टूटे गठबंधन की कहानी, बताएंगे विस्तार से.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन ने साल 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ा था. कहने के लिए एक गठबंधन था, जिसे नाम दिया गया था डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट, लेकिन इसमें कद्दावर नेता ओवैसी ही थे. 243 विधानसभा सीटों वाले बिहार में ओवैसी ने कुल 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें 14 सीटें मुस्लिम बहुल थीं. इनमें से पांच सीटों पर ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार जीते थे. बाद में पांच में से चार एआईएमआईएम विधायक तेजस्वी की आरजेडी में शामिल हो गए. अब जब 2025 में विधानसभा का चुनाव है तो जाहिर है कि ओवैसी फिर से चुनाव लड़ने को तैयार हैं. और पिछला चुनाव देखते हुए ओवैसी के कुछ उम्मीदवारों के जीतने के भी अनुमान हैं. ऐसे में जीते विधायक फिर से पाला न बदलें, इसके लिए ओवैसी चाहते थे कि वो तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा बन जाएं ताकि उनके विधायक सुरक्षित रहें.</p>
<p style="text-align: justify;">लेकिन ऐन वक्त पर तेजस्वी यादव ने ओवैसी के साथ हाथ मिलाने से इनकार कर दिया है. और इसकी वजह है वक्फ कानून, जिसे लेकर मुस्लिमों में गहरा असंतोष है. तेजस्वी इस असंतोष को अकेले भुनाना चाहते हैं. और अगर बांटने की नौबत आती भी है तो वो इस असंतोष को सिर्फ कांग्रेस के साथ ही बांटना चाहते हैं. अगर ओवैसी तेजस्वी के साथ रहते तो वो खुद को मुस्लिमों के रहनुमा के तौर पर खुद को स्थापित करने की कोशिश करते और स्वाभाविक तौर पर मिले मुस्लिम वोट के लिए भी क्रेडिट ओवैसी को दिया जाता. तेजस्वी यही नहीं चाहते थे, क्योंकि उनके पिता लालू यादव का एमवाई समीकरण बिहार के लिए आजमाया हुआ फॉर्मूला है. ये फार्मूला पिछले कुछ साल से कमजोर भले हुआ है, लेकिन ये अब भी पूरी तरह खारिज नहीं है. ऐसे में वक्फ कानून ने जो हवा बनाई है, उसे तेजस्वी यादव अपने लिए आंधी की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं और तभी तो वो कह रहे हैं कि वो इस कानून को लागू नहीं होने देंगे.</p>
<p style="text-align: justify;">तेजस्वी यादव को भी इस बात का बखूबी एहसास है कि अगर वो ओवैसी के साथ आते हैं तो फिर सीमांचल में उनकी ज़मीन और भी कमजोर हो जाएगी, क्योंकि ओवैसी को सीट चाहिए सीमांचल में ही, जहां पिछले चुनाव में उनको जीत मिली थी. ऐसे में ओवैसी से अलग होकर अगर तेजस्वी वक्फ के गुस्से को भुना लेते हैं तो फिर उनके लिए कम से कम सीमांचल में विन-विन सिचुएशन हो जाएगी. रही बात ओवैसी की कि वो अब क्या करेंगे. तो वो वही करेंगे, जो साल 2020 में किया था. कुछ छोटी पार्टियों के साथ फिर से समझौता और सीमांचल की सीटों पर दावेदारी ताकि बिहार में उनकी थोड़ी सी हनक तो बाकी रह पाए. यही बात ओवैसी के नेता और बिहार में एआईएमआईएम के इकलौते विधायक अख्तरुल ईमान भी कर रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">जब तेजस्वी और ओवैसी के एक साथ आने की बात हुई थी, तो बीजेपी को भी इसमें पॉलिटिकल फायदा नजर आ रहा था, जिसमें वो बिहार को मुर्शिदाबाद बनाने की बात कहके ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही थी. लेकिन अब जब दोनों के रास्ते अलग हैं, तो फिर चुनौती बीजेपी के लिए भी है, क्योंकि तेजस्वी ने ध्रुवीकरण के एक मुद्दे को तो ओवैसी का हाथ झटककर कुंद कर ही दिया है.&nbsp;</p>

Source link

OWAISI,Asaduddin Owaisi,

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Raksha Bandhan 2025: 10 Places Near Mumbai For A Rakhi Weekend Getaway With Your Siblings 7 silent signs of bone cancer you should never ignore PM Modi Visits Gangaikonda Cholapuram: Add These 7 Tamil Nadu Temples To Your List Bananas or Dates: Which snack is better for blood sugar balance?  9 plant-based protein substitutes for eggs
Raksha Bandhan 2025: 10 Places Near Mumbai For A Rakhi Weekend Getaway With Your Siblings 7 silent signs of bone cancer you should never ignore PM Modi Visits Gangaikonda Cholapuram: Add These 7 Tamil Nadu Temples To Your List Bananas or Dates: Which snack is better for blood sugar balance?  9 plant-based protein substitutes for eggs