AIMIM chief Asaduddin Owaisi slams US strikes on Iran calls it violation of international law israel iran war calls on pakistan asim munir shehbaz sharif
Asaduddin Owaisi slams US strikes: ईरान और इजरायल के बीच लगातार बढ़ते तनाव और अमेरिका की सीधी सैन्य कार्रवाई ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है. अमेरिका द्वारा ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले के बाद अब यह टकराव सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके वैश्विक असर दिखने लगे हैं. इसी बीच हैदराबाद से सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
ओवैसी ने नेतन्याहू को बताया ‘फिलिस्तीनियों का कसाई’
ओवैसी ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर हमला बोलते हुए कहा कि “इस व्यक्ति ने फिलिस्तीनियों का नरसंहार किया है. वह वेस्ट बैंक और गाजा में फिलिस्तीनियों की जातीय सफाई कर रहा है. इतिहास उसे फिलिस्तीनियों का कसाई के रूप में याद रखेगा.” ओवैसी का यह बयान उस समय आया है जब इजरायल और गाजा के बीच हिंसा लगातार बढ़ रही है और हजारों निर्दोष नागरिक इसकी चपेट में आ रहे हैं.
ट्रंप और पाकिस्तान पर ओवैसी का निशाना
इस पूरे घटनाक्रम के बीच ओवैसी ने पाकिस्तान पर भी तीखा कटाक्ष किया. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “क्या पाकिस्तान इसलिए ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिलवाना चाहता था ताकि पूरे इलाके में जंग छिड़ जाए?” उन्होंने इसे प्लानिंग के साथ आग लगाने की कोशिश बताया. साथ ही, ओवैसी ने भारत सरकार को भी चेताया कि खाड़ी और मध्य-पूर्व क्षेत्र में 60 लाख से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं, और यदि इस क्षेत्र में बड़ा युद्ध शुरू होता है, तो उनकी सुरक्षा बेहद कठिन चुनौती बन जाएगी. उन्होंने भारत से अपेक्षा जताई कि वह इस संकट में स्पष्ट, मजबूत और जिम्मेदार आवाज उठाए.
ओवैसी ने उठाए दोहरे मापदंड पर सवाल
ओवैसी ने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों को एक सोची-समझी रणनीति करार देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य गाजा में फिलिस्तीनियों के चल रहे “नरसंहार” से दुनिया का ध्यान हटाना है. उन्होंने दोहरा मापदंड बताते हुए कहा कि एक तरफ ईरान को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि दूसरी तरफ इजरायल, जिसके पास कथित तौर पर 700 से 800 परमाणु हथियार हैं और जो एनपीटी (NPT) का सदस्य भी नहीं है, उस पर कोई अंतरराष्ट्रीय सवाल नहीं उठाया जा रहा है.
ओवैसी ने यह भी कहा कि इस हमले के बाद अब पूरे मध्य-पूर्व में परमाणु हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है. उन्होंने भविष्यवाणी की कि आने वाले 5 से 10 वर्षों में ईरान 90% तक यूरेनियम संवर्धन कर सकता है और कोई उसे रोक नहीं पाएगा. उनका मानना है कि इजरायल के बढ़ते दबदबे को देखते हुए अब क्षेत्र के अन्य मुस्लिम देश भी अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.
खाड़ी में रह रहे भारतीयों और निवेश पर पड़ेगा असर
असदुद्दीन ओवैसी ने भारत के हितों पर चिंता जताते हुए कहा कि खाड़ी और मध्य पूर्व देशों में 1.6 करोड़ से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं. अगर इस क्षेत्र में युद्ध होता है, तो उन भारतीयों की जान और रोजगार दोनों खतरे में पड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों ने अरब देशों में बड़ा निवेश किया है और भारत को बहुत सारा विदेशी निवेश भी वहीं से मिलता है. अगर युद्ध बढ़ा तो इसका सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था और विदेश नीति पर पड़ेगा. अंत में ओवैसी ने कहा कि ईरान को लेकर जिस तरह का डर फैलाया जा रहा है, वैसा ही अमेरिका ने पहले इराक के खिलाफ भी किया था,जब ‘विनाश के हथियार’ (WMDs) की बात कही गई थी, लेकिन कुछ भी नहीं मिला. उन्होंने इसे सिर्फ एक भ्रम और राजनीति करार दिया.
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