60 सेकंड में दुश्मनों को तबाह कर देगी भारत की ‘प्रलय’, 500 KM तक नहीं बचेगा; आर्मी और एयरफोर्स को मिलेंगी 350 से ज्यादा मिसाइलें
महज 60 सेकेंड में दुश्मन की सीमा में प्रलय मचाने वाली क्वासी-बैलिस्टिक क्रूज मिसाइल ‘प्रलय’ का डीआरडीओ ने सफल परीक्षण किया है. थलसेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने इस बेहद खास टेक्टिकल मिसाइल का टेस्ट किया है. इसके साथ ही प्रलय मिसाइल, थलसेना और वायुसेना के आयुध का हिस्सा बनने जा रही है.
DRDO ने मिसाइल के किए दो सफल परीक्षण
डीआरडीओ के मुताबिक, ओडिशा के तट के करीब डा. एपीजे अब्दुल कलाम आईलैंड पर सोमवार और मंगलवार (28 और 29 जुलाई, 2025) को प्रलय मिसाइल के दो सफल परीक्षण किए गए. ये दोनों यूजर-ट्रायल परीक्षण थे. ऐसे में थलसेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में किए गए. एक साथ कई वॉर-हेड से लैस, प्रलय मिसाइल को अधिकतम और न्यूनतम रेंज की क्षमता परखने के लिए किया गया. डीआरडीओ के मुताबिक, मिसाइल ने ठीक वही ट्रेजेक्टरी फॉलो की जिसकी जरूरत थी और अपने लक्ष्य को सटीकता से भेद दिया.
150 से 500 किलोमीटर की मारक क्षमता से लैस है प्रलय मिसाइल
प्रलय, एक टेक्टिकल मिसाइल है, जिसकी रेंज 150-500 किलोमीटर है और दुश्मन के सीमावर्ती कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, रडार प्रणाली, छावनियों और एयरफील्ड को तबाह करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति के चलते, प्रलय मिसाइल का टेस्ट बेहद अहम है, क्योंकि ये मिसाइल, पारंपरिक और बैलिस्टिक मिसाइल के गैप को भरने में मदद करेगी.
थलसेना के लिए 250 और वायुसेना के लिए 120 मिसाइलों का दिया गया है ऑर्डर
प्रलय अब देश की ब्रह्मोस और निर्भय मिसाइल की श्रेणी में रॉकेट फोर्स का हिस्सा बनने जा रही है. रक्षा मंत्रालय ने कुछ महीने पहले ही थलसेना के लिए 250 प्रलय मिसाइलों खरीदन के लिए हरी झंडी दी थी. साथ ही वायुसेना के लिए 120 मिसाइल का ऑर्डर दिया गया है. डीआरडीओ की इस मिसाइल का उत्पादन सरकारी उपक्रम, भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) कर रही हैं.
सशस्त्र सेनाओं को तकनीकी रूप से मिलेगी बढ़त- राजनाथ मंत्री
इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर डीआरडीओ ने प्रलय मिसाइल का पहली बार प्रदर्शन किया था. मिसाइल को अशोक लीलैंड ट्रक से लॉन्च किया जा सकता है. ऐसे में मिसाइल को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है.
प्रलय के सफल यूजर-ट्रायल पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, आर्म्ड फोर्सेज और इंडस्ट्री पर शुभकामनाएं प्रेषित की हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि ये मिसाइल, आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है. ऐसे में सशस्त्र सेनाओं को खतरों से निपटने में तकनीकी रूप से बढ़त मिलेगी. परीक्षण के बाद डीआरडीओ के चेयरमैन डा. समीर वी. कामत ने कहा, “इन परीक्षणों से प्रलय मिसाइल का सशस्त्र सेनाओं में शामिल होने का रास्ता खुल गया है.”
यह भी पढ़ेंः ‘मेंटल बैलेंस खोकर…’, मल्लिकार्जुन खरगे के लिए ऐसा क्या बोले जेपी नड्डा कि संसद में मच गया हंगामा?
Source link
Pralay Missile, DRDO, RAJNATH SINGH, Indian Army, Indian Air Force, drdo tested pralay missile on dr. apj abdul kalam island, bramhos missile,,प्रलय मिसाइल, डीआरडीओ, राजनाथ सिंह, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, डीआरडीओ ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर प्रलय मिसाइल का परीक्षण किया, डा. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप, ब्रह्मोस मिसाइल, निर्भय मिसाइल