सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़ा मामला तीन जजों की बेंच को सौंपा, कल होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (11 अगस्त 2025) को दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में शिफ्ट करने का निर्देश दिया, जिसके बाद देश में एक बड़ी बहस छिड़ गई है. कोर्ट के फैसले पर समाज दो भागों में बंटा हुआ है. अब इस मामले को 3 जजों की बेंच को भेजा गया है, जिसमें जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन वी अंजारिया शामिल हैं. तीन जजों की बेंच गुरुवार (14 अगस्त 2025) को इस पर फैसला सुनाएंगे.
जस्टिस जेबी पारडीवाला और आर महादेवन की बेंच ने सोमवार को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में सभी आवारा कुत्तों को पकड़ कर शेल्टर होम में डालने का आदेश दिया था. इसे लेकर विवाद हो रहा था. इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट के कुछ पुराने आदेशों और एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स, 2023 के विपरीत बताया जा रहा था. सोमवार को आया आदेश बुधवार (13 अगस्त 2025) लिखित रूप में अपलोड हुआ था. तब तक बेंच में बदलाव की सूचना आ गई.
लिखित आदेश के मुख्य अंश
1. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में नगर निगम जल्द से जल्द आवारा कुत्तों को पकड़ना शुरू करें. यह कैसे करना है, वह स्वयं तय करें. अगर किसी बल के गठन की जरूरत है तो वैसा करें.
2. अगर कोई इसमें अड़चन डालेगा तो इसे हम सख्ती से देखेंगे. बच्चे, वृद्ध और बाकी लोग सुरक्षित घूम सकें. यह हमारी प्राथमिकता है. इसमें किसी भावुकता भरी दलील को सुनने की जरूरत नहीं है.
3. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में डॉग शेल्टर/पाउंड बना कर 8 सप्ताह में कोर्ट को सूचित करें.
4. डॉग शेल्टर होम में पर्याप्त स्टाफ हो जो स्टरलाइजेशन, डिवॉर्मिंग और वैक्सिनेशन कर सके. सीसीटीवी निगरानी हो. कुत्तों को शेल्टर होम से बाहर ले जाने की अनुमति नहीं है.
5. हमें कुत्तों के प्रति भी चिंता है. उनके साथ शेल्टर होम में दुर्व्यवहार या क्रूरता न हो. एक शेल्टर होम में ज्यादा भीड़ न की जाए. कम से कम 2 जिम्मेदार लोग हर समय निगरानी के लिए ड्यूटी पर रहें.
6. कुत्तों को कोई गोद लेना चाहे तो नियमों के मुताबिक अनुमति मिले. ध्यान रखें कि इसका अर्थ उन्हें वापस गली में छोड़ना नहीं है इसलिए गोद देते समय उचित शर्तें लगाई जाएं.
7. हर ऑथोरिटी पकड़े गए कुत्तों का रिकॉर्ड तैयार करे. उसे अगली सुनवाई में पेश करे. किसी भी स्थिति में कुत्ते को वापस न छोड़ा जाए.
8. इस आदेश के पालन में कोताही न हो. पकड़े गए कुत्तों की पहचान तय करने की व्यवस्था बने ताकि उन्हें वापस न छोड़ा जा सके.
9. सभी संबंधित ऑथोरिटी 1 सप्ताह में हेल्पलाइन नंबर जारी करें. इसमें शिकायत मिलने के 4 घंटे में काटने वाले कुत्ते को पकड़ा जाए.
10. रैबीज वैक्सीन की उपलब्धता से जुड़ी जानकारी लोगों को दी जाए.
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