फर्जी है कर्नाटक धर्मस्थल कांड! पुलिस ने शिकायतकर्ता को ही किया गिरफ्तार, SIT कर रही पूछताछ
कर्नाटक के धर्मस्थल नामक स्थान पर पिछले दो दशकों के दौरान कथित तौर पर हुई कई हत्याओं, दुष्कर्म और शवों को दफनाने का आरोप लगाने वाले शिकायतकर्ता को इन आरोपों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शनिवार (23 अगस्त, 2025) को गिरफ्तार कर लिया, अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि अब तक जांच दल के समक्ष नकाब पहनकर पेश होने वाले व्यक्ति की पहचान सी. एन. चिन्नैया के रूप में हुई है. चिनैय्या को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट विजयेंद्र के समक्ष पेश किया गया और एसआईटी ने विस्तृत जांच के लिए 10 दिन की हिरासत मांगी. अधिकारियों ने बताया कि अदालत ने एसआईटी का अनुरोध स्वीकार कर लिया.
विसंगतियां पाए जाने के बाद हुई गिरफ्तारी
एसआईटी और उसके प्रमुख प्रणव मोहंती ने चिनैय्या से शुक्रवार (22 अगस्त, 2025) को देर रात तक पूछताछ की. अधिकारियों ने बताया कि बयानों और उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में विसंगतियां पाए जाने के बाद गिरफ्तारी की गई. बाद में लंबी पूछताछ के बाद उसे मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया.
पूर्व सफाई कर्मी चिनैय्या ने दावा किया है कि उसने 1995 से 2014 के बीच धर्मस्थल में काम किया था और उसी धर्मस्थल में महिलाओं व नाबालिगों समेत कई लोगों के शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था. चिनैय्या ने आरोप लगाया था कि कुछ शवों से यौन उत्पीड़न के संकेत मिले थे. उसने इस संबंध में मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दर्ज कराया है.
एसआईटी ही आगे खुदाई को लेकर लेगी फैसला
एसआईटी ने जांच के तहत धर्मस्थल में नेत्रवती नदी के किनारे वन्य क्षेत्रों में शिकायतकर्ता की ओर से चिन्हित कई स्थानों पर खुदाई की थी, जहां अब तक दो स्थानों पर कुछ कंकाल के अवशेष पाए गए हैं. कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने हाल ही में विधानसभा में कहा था कि यदि एसआईटी शिकायतकर्ता के आरोपों को झूठा पाती है तो उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि अब तक केवल खुदाई हुई है, जांच अभी शुरू भी नहीं हुई है और सरकार नहीं, बल्कि मामले की जांच कर रही एसआईटी ही आगे खुदाई की आवश्यकता के बारे में निर्णय लेगी. इस बीच, पुलिस सूत्रों ने बताया कि शिकायतकर्ता को उसकी कथित पहली पत्नी और एक पूर्व सहकर्मी के बयानों के बाद गिरफ्तार किया गया है.
पहली पत्नी ने आरोपी के खिलाफ दिया बयान
सूत्रों के अनुसार, दोनों ने शिकायतकर्ता के दावों को झूठा बताया है. पुलिस ने बताया कि खुद को शिकायतकर्ता की पहली पत्नी बताने वाली एक महिला पहले ही उसके खिलाफ बयान जारी कर चुकी थी. पुलिस के अनुसार, उसने प्रेस को बताया था, ‘वह एक अच्छा इंसान नहीं है. वह मुझे और मेरे बच्चों को परेशान करता था. धर्मस्थल दफन मामले से जुड़े उसके बयान सच नहीं हैं. उसने ऐसे बयान पैसे के लिए दिए होंगे.’
महिला ने गुरुवार (21 अगस्त, 2025) को मीडिया से बात करते हुए कहा था, ‘मैंने 1999 में उससे शादी की थी. हम सात साल तक साथ रहे. वह मेरे साथ मारपीट करता था. हमारा एक बेटा और एक बेटी है. वह धर्मस्थल में एक सफाई कर्मचारी था और शौचालय साफ करता था.’
संरक्षक को बदनाम करने की साजिश
शिकायतकर्ता के एक दोस्त राजू ने भी बुधवार को कहा था कि उसके दावे झूठे हैं. राजू ने कहा था कि धर्मस्थल में सैकड़ों शवों को दफनाने का शिकायतकर्ता का बयान सच्चाई से कोसों दूर है. दावा है कि राजू ने 10 साल पहले धर्मस्थल में शिकायतकर्ता के साथ चार साल तक एक सफाई कर्मचारी के रूप में काम किया था.
राजू ने कहा, ‘शिकायतकर्ता की ओर से लगाए गए आरोप सच्चाई से बहुत दूर हैं. एक तीर्थ शहर और उसके संरक्षक को बदनाम करने वाले ऐसे आरोप लगाना सही नहीं है.’ उसने बताया कि एसआईटी ने धर्मस्थल मामले के संबंध में उससे आधे घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी.
पुलिस की अनुमति के बाद ही दफनाया शव
राजू ने कहा, ‘मैंने उन्हें वह सारी जानकारी दी है, जो मैं जानता हूं. मैंने और शिकायतकर्ता ने धर्मस्थल के स्नान घाट, बाहुबली बेट्टा और मंदिर के पास भी साथ काम किया है. हमें भोजन और अच्छा वेतन दिया जाता था. हम वहां पड़ोसी थे, हालांकि हमने पुरुषों और महिलाओं के कई क्षत-विक्षत शव देखे हैं. कुछ पेड़ों पर लटके हुए थे. हम पेड़ों से शवों को नीचे उतारते थे, लेकिन हमने किसी भी शव को दफनाया नहीं, उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से भेजा जाता था.’
राजू ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि उसने ऐसे आरोप क्यों लगाए हैं. हो सकता है कि उसने पैसे के लिए ऐसे आरोप लगाए हों. हमें किसी ने भी किसी अज्ञात शव को दफनाने के लिए नहीं कहा. हमने पुलिस की अनुमति के बिना कभी भी किसी भी शव को नहीं दफनाया.’
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