पीएम गति-शक्ति योजना के तहत भारत में रेल नेटवर्क का होगा विस्तार, कैबिनेट ने 12,328 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को दी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय की लगभग 12,328 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली चार परियोजनाओं को मंजूरी दी. केंद्र सरकार ने बुधवार (27 अगस्त, 2025) को इस फैसले के बारे में जानकारी दी.
रेल मंत्रालय की इन परियोजनाओं की कैबिनेट से मिली मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट की ओर से जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, उनमें- देशलपार-हाजीपीर-लूना और वायोर-लखपत नई लाइन, सिकंदराबाद (सनथनगर)-वाडी तीसरी और चौथी लाइन, भागलपुर-जमालपुर तीसरी लाइन और फुर्केटिंग-न्यू तिनसुकिया दोहरीकरण शामिल हैं. गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और असम के 13 जिलों को कवर करने वाली इन चार परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 565 किलोमीटर की वृद्धि होगी.
रेल मंत्रालय की नई परियोजनाओं का उद्देश्य यात्रियों और वस्तुओं दोनों का निर्बाध और त्वरित परिवहन सुनिश्चित करना है. ये पहल कनेक्टिविटी और यात्रा सुविधा में सुधार के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स लागत को कम करेंगी. इसके अलावा, ये परियोजनाएं कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में योगदान देंगी, जिससे स्थाई और कुशल रेल संचालन को बढ़ावा मिलेगा. इन परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 251 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होगा.
गुजरात के कच्छ के सुदूर इलाकों में बढ़ेगी रेल कनेक्टिविटी
प्रस्तावित नई रेल लाइन गुजरात के कच्छ क्षेत्र के सुदूर क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. यह गुजरात के विद्मान रेलवे नेटवर्क में 145 रूट किलीमीटर और 164 ट्रैक किलीमीटर जोड़ेगी, जिसकी अनुमानित लागत 2,526 करोड़ रुपये है. रेल मंत्रालय ने इस परियोजना की पूर्ण होने की समयसीमा तीन साल बताई है.
गुजरात राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के अतिरक्त, यह नई रेल लाइन नमक, सीमेंट, कोयला, क्लिंकर और बेंटोनाइट के परिवहन में भी मदद करेगी. इस परियोजना का रणनीतिक महत्व यह है कि यह कच्छ के रण को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. इसमें 13 नए रेलवे स्टेशन जोड़े जाएंगे, जिससे हड़प्पा स्थल धोलावीरा, कोटेश्वर मंदिर, नारायण सरोवर और लखपत किला भी रेल नेटवर्क के अंतर्गत आ जाएंगे. इससे 866 गांवों और लगभग 16 लाख आबादी को लाभ होगा.
पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बनाई गई परियोजनाएं
कर्नाटक और तेलंगाना में फैली 173 किलोमीटर लंबी सिकंदराबाद (सनथनगर)-वाडी तीसरी और चौथी लाइन के पूरा होने की समयसीमा पांच साल और लागत 5,012 करोड़ रुपये है, जबकि बिहार में 53 किलोमीटर लंबी भागलपुर-जमालपुर तीसरी लाइन के लिए समयसीमा तीन साल है और इसकी लागत 1,156 करोड़ रुपये है. 194 किलोमीटर लंबी फुरकेटिंग-न्यू तिनसुकिया दोहरीकरण परियोजना का कार्य चार सालों में पूरा होगा, जिसकी लागत 3,634 करोड़ रुपये है.
ये परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप बनाई गई हैं, जिनका उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है.
Source link
Railway Ministry, Union Cabinet, PM Modi, Gujarat, BIHAR, karnataka, telangana, assam, bihar election, bihar election 2025, pm modi led central cabinet, cabinet decision on railways projects,रेल मंत्रालय, केंद्रीय मंत्रिमंडल, पीएम मोदी, गुजरात, बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना, असम, बिहार चुनाव, बिहार चुनाव 2025, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट, रेलवे परियोजनाओं पर कैबिनेट का फैसला