‘चाहे ट्रंप कोई भी टैरिफ लगाएं…’, भारत पर लागू हुआ अमेरिका का 50% टैरिफ तो NITI आयोग के पूर्व CEO अमिभात कांत ने कही बड़ी बात
नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अमिताभ कांत ने बुधवार (27 अगस्त, 2025) को कहा कि भारत को अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ को एक चेतावनी के रूप में देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसका उपयोग साहसिक व एक पीढ़ी में एक बार होने वाले सुधारों को लागू करने और दीर्घकालिक विकास के लिए अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाने के अवसर के रूप में करना चाहिए.
IRS (C&IT) एसोसिएशन की ओर से आयोजित बीएन मेमोरियल व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए अमिताभ कांत ने कहा, ‘यह भारत का युग है, चाहे ट्रंप कोई भी टैरिफ लगाएं, मैं दृढ़ता से मानता हूं कि ट्रंप ने हमें सुधारों के लिए एक बहुत बड़ा अवसर दिया है.’
ट्रंप के लगाए टैरिफ पर क्या बोले नीति आयोग के पूर्व सीईओ?
अमेरिका की ओर से रूसी तेल आयात को टैरिफ वृद्धि का कारण बताए जाने पर कांत ने कहा, ‘यह रूसी तेल के बारे में नहीं है. अगर यही मुद्दा होता, तो चीन रूस से कहीं ज्यादा तेल खरीदता है और तुर्की भी उतना ही तेल खरीदता है.’
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘ट्रंप के शुल्क भारत के लिए एक चेतावनी की घंटी होने चाहिए. यह विडंबना है कि अमेरिका रूस और चीन के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है, जबकि चीन रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है और फिर भी भारत को शुल्क का निशाना बना रहा है. स्पष्ट रूप से कहा जाए, यह रूसी तेल के बारे में नहीं है. इन वैश्विक झटकों से डरने के बजाय भारत को इन्हें एक प्रेरणा के रूप में लेना चाहिए कि हम साहसिक, एक पीढ़ी में एक बार होने वाले सुधारों को लागू करें और साथ ही अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाकर दीर्घकालिक विकास और मजबूती सुनिश्चित करें.’
2047 तक भारत का पूर्ण विकसित देश बनना दूर का सपना नहीं- अमिताभ कांत
विकसित भारत के लक्ष्य पर बात करते हुए नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने कहा, ‘साल 2047 तक भारत का एक पूर्ण विकसित देश बनना कोई दूर का सपना नहीं है और बहुत कम देश ही एक पीढ़ी के भीतर विकसित राष्ट्र बन पाए हैं. आपको भारत के विकास और प्रगति के लिए एक वैकल्पिक मॉडल तैयार करना होगा, जो केवल दक्षता से ही संभव है.’
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