अब बिहार SIR पर संसद में मचेगा बवाल, चर्चा पर अड़ा विपक्ष, सरकार बिल पारित कराने की कोशिश में
संसद का मानसून सत्र जहां पहले हफ्ते हंगामे की भेंट चढ़ गया तो वहीं दूसरे हफ्ते ऑपरेशन सिंदूर पर तीखी बहस हुई. एक तरफ विपक्ष बिहार एसआईआर को लेकर चर्चा की मांग रहा है तो दूसरी तरफ सरकार विधायी कार्यों का आगे बढ़ाना चाहती है. सरकार सोमवार (4 अगस्त 2025) को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण खेल विधेयक को पारित कराने पर जोर दे सकती है.
इन विधेयक को पारित के लिए सूचीबद्ध किया गया
लोकसभा में ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है, जिसमें खेल निकायों के कामकाज में अधिक पारदर्शिता की परिकल्पना की गई है. राज्यसभा ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त से छह महीने के लिए बढ़ाने संबंधी गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को सोमवार को पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है. लोकसभा में विचार और पारित होने के लिए सूचीबद्ध एक अन्य विधेयक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक है.
SIR के मुद्दे पर एकजुट है इंडिया गठबंधन
इंडिया गठबंधन एसआईआर के मुद्दे पर एकजुट दिखाई दे रहा है. विपक्ष ने SIR को लेकर आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग की इस कवायद का उद्देश्य उसके एजेंडे के प्रति सहानुभूति रखने वाले मतदाताओं को हटाना और बीजेपी नीत एनडीए की संभावनाओं को बढ़ावा देना है. निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रक्रिया लागू करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल योग्य मतदाताओं को ही वोट डालने की अनुमति दी जाए.
‘संवैधानिक संस्था के कामकाज पर बहस नहीं कर सकता सदन’
संसद में एसआईआर पर चर्चा की मांग के संबंध में सरकार की ओर से कोई ध्यान न दिए जाने के कारण विपक्ष संसद में लगातार इस पर प्रदर्शन कर रहा है, जिसके कारण बार-बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ रही है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि विपक्ष की मांग पर नियमों के अनुसार निर्णय लेना दोनों सदनों के अध्यक्ष का काम है. उन्होंने एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सदन चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के कामकाज पर बहस नहीं कर सकता, जिससे यह पता चलता है कि सरकार विपक्ष की मांग को अस्वीकार करती है.
‘हंगामे के बाद बिल पारित कराने की कोशिश करेगी सरकार’
इस संबंध में एक प्रमुख सरकारी पदाधिकारी ने कहा कि यदि संसद में व्यवधान के कारण सरकार का एजेंडा बाधित होता रहा तो वह शोरगुल के बावजूद अपने प्रमुख विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी. केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने शुक्रवार को कहा था कि एसआईआर निर्वाचन आयोग के कार्यक्षेत्र का हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘‘यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग ऐसा कर रहा है. संसद निर्वाचन आयोग के प्रशासनिक कार्यों पर चर्चा कर सकती है या नहीं, यह नियमों के अनुसार अध्यक्ष को तय करना है.”
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