बकरीद से पहले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा बयान, कहा 'किसी भी मजहब में जीव हिंसा निंदनीय, अगर…'

0 0
Read Time:4 Minute, 21 Second


<p style="text-align: justify;">बकरीद (ईद उल अजहा) को लेकर जहां एक ओर मुस्लिम समुदाय तैयारी में जुटा है, वहीं दूसरी ओर बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का इस पर्व और बलि प्रथा को लेकर दिया गया बयान चर्चा में आ गया है.</p>
<p style="text-align: justify;">धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जीव हिंसा किसी भी धर्म में हो, वह निंदनीय है. उन्होंने बकरीद पर दी जाने वाली बकरे की कुर्बानी का विरोध करते हुए कहा, "हम बलि प्रथा के पक्ष में नहीं हैं, और बकरीद के भी पक्ष में नहीं हैं. अगर हम किसी को जीवन नहीं दे सकते तो हमें उसे मारने का अधिकार भी नहीं है."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>धीरेंद्र शास्त्री ने कही ये बात</strong></p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि संभव है कि इतिहास में किसी विशेष समय या परिस्थिति में बलि की परंपरा रही हो, लेकिन अब समय बदल गया है और ऐसी परंपराओं को रोकना चाहिए. उन्होंने सनातन धर्म में मौजूद बलि प्रथा की भी आलोचना करते हुए कहा कि "सनातन संस्कृति में जहां जहां बलि दी जाती है, उसे भी रोका जाना चाहिए."</p>
<p style="text-align: justify;">धीरेंद्र शास्त्री ने अहिंसा को सभी धर्मों का मूल बताया और कहा कि अगर हम अहिंसा के रास्ते पर चलें तो समाज और धर्म दोनों अधिक स्वस्थ और संवेदनशील बन सकते हैं. उन्होंने कहा, "हर जीव को जीने का अधिकार है, हमें हिंसा की नहीं, सहअस्तित्व की राह पर चलना चाहिए," .</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>&nbsp;भारत में कब है बकरीद?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, बकरीद जिल हिज्जा महीने की 10वीं तारीख को मनाई जाती है. सऊदी अरब में चांद दिखने के बाद 6 जून को बकरीद मनाई जाएगी, जबकि भारत में 7 जून (शनिवार) को यह पर्व मनाया जाएगा. 28 मई की शाम को भारत में चांद दिखने के बाद यह तारीख तय हुई. बकरीद केवल कुर्बानी का पर्व नहीं, बल्कि अल्लाह के प्रति समर्पण, त्याग और इंसानियत की भावना का प्रतीक माना जाता है. मुस्लिम समुदाय इसे पूरी श्रद्धा और उत्साह से मनाता है.</p>
<p style="text-align: justify;">बता दें कि इस्लाम धर्म के अनुसार, अल्लाह ने हजरत इब्राहिम की आस्था और विश्वास की परीक्षा लेनी चाही. अल्लाह ने उनसे कहा कि वे अपनी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करें. हजरत इब्राहिम के लिए उनके बेटे हजरत इस्माइल सबसे प्यारे थे. अल्लाह का हुक्म मानते हुए, उन्होंने अपने बेटे को कुर्बान करने का फैसला किया. लेकिन जब उन्होंने अपने बेटे की गर्दन पर छुरी चलाई, तो अल्लाह ने एक चमत्कार कर दिया. हजरत इस्माइल की जगह एक जानवर वहां आ गया और वही कुर्बान हो गया. इस घटना की याद में हर साल बकरीद पर जानवर की कुर्बानी दी जाती है, ताकि अल्लाह के प्रति समर्पण और त्याग की भावना को याद रखा जा सके.</p>

Source link

Dhirendra Krishna Shastri,bakrid 2025, Bakrid 2025, Sacrifice on Bakrid, Dhirendra Krishna Shastri statement, Bageshwar Dham Government, Controversial statement on Bakrid, Shastri ji

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 Reasons Why Coorg Should Be On Your Monsoon Travel List This July Corbett National Park Closed? Try These 8 Monsoon Safaris In South India See These 10 Places Before They Blow Up On Instagram (And Your Budget) 10 Places In India That Every Influencer Is Obsessed With From Munnar To Darjeeling: 12 Best Places For A Solo Trip In India During Monsoons
10 Reasons Why Coorg Should Be On Your Monsoon Travel List This July Corbett National Park Closed? Try These 8 Monsoon Safaris In South India See These 10 Places Before They Blow Up On Instagram (And Your Budget) 10 Places In India That Every Influencer Is Obsessed With From Munnar To Darjeeling: 12 Best Places For A Solo Trip In India During Monsoons