फिल्म 'ठग लाइफ' का प्रदर्शन रोकने पर कर्नाटक सरकार को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार, हाई कोर्ट में लंबित केस अपने पास ट्रांसफर किया

0 0
Read Time:4 Minute, 58 Second


<p style="text-align: justify;">निर्देशक मणिरत्नम और अभिनेता कमल हासन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ के कर्नाटक में रिलीज न होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट में लंबित फिल्म निर्माता की याचिका को अपने पास ट्रांसफर कर लिया है. गुरुवार (19 जून, 2025) को मामले की सुनवाई होगी. कोर्ट ने राज्य सरकार से बुधवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>राज्य सरकार की टालमटोल</strong><br />पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने मामले में एम महेश रेड्डी नाम के व्यक्ति की जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था. राज्य सरकार को इस पर जवाब देना था, लेकिन उसने जवाब दाखिल नहीं किया. राज्य सरकार के वकील ने कहा कि निर्माता की याचिका पहले से हाई कोर्ट में लंबित है. साथ ही, फिल्म के निर्माता चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों से बातचीत कर मामला हल करने की कोशिश कर रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जजों की नाराजगी</strong><br />इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे कानून के शासन से जुड़ा विषय है. किसी फिल्म को सीबीएफसी का सर्टिफिकेट मिलने के बाद प्रदर्शित होने से नहीं रोका जा सकता. उग्र विरोध का बहाना बना कर राज्य सरकार फिल्म का प्रदर्शन सुनिश्चित करने के दायित्व से पल्ला नहीं झाड़ सकती.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’समस्या है तो न देखें फिल्म'</strong><br />कुछ दिनों पहले अभिनेता कमल हासन ने कहा था कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल भाषा से हुआ है. इस बयान को लेकर हो रहे विरोध के चलते कर्नाटक में उनकी नई फिल्म का प्रदर्शन नहीं हो पा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कहा कि अगर किसी को कमल हासन के बयान से समस्या है, तो वह उसके जवाब में अपनी तरफ से बयान जारी कर सकता है. मुद्दे पर बहस हो सकती है. लोग चाहें तो फिल्म को देखने न जाएं, लेकिन फिल्म का प्रदर्शन होना चाहिए.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’किसी को बोलने से नहीं रोक सकते'</strong><br />जजों ने कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी पर गुजरात में दर्ज एफआईआर निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख किया. उन्होंने ‘मी नाथूराम गोडसे बोलतोय’ नाम के नाटक को प्रतिबंधित किए जाने के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया. जजों ने कहा कि उस नाटक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में बहुत सी ऐसी बातें कही गई थीं, जो लोगों को अनुचित लग रही थीं, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि किसी के विचारों से सहमत न होना, उसे अपनी बात कहने से रोकने का आधार नहीं हो सकता.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’माफी मंगवाना कोर्ट का काम नहीं'</strong><br />बेंच ने कहा कि यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से जुड़ा है इसलिए वह इसे सुनेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि हाई कोर्ट ने फिल्म से जुड़े लोगों को कर्नाटक के निवासियों से माफी मांगने की सलाह दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना हाई कोर्ट का काम नहीं है.</p>

Source link

Kamal Haasan,Legal News,SUPREME COURT,Karnataka HC

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stop 'Kuch Mitha Ho Jaye'? 7 signs to ditch sugar Fasting in Shravan? 7 healthy and wholesome foods to boost your energy Explained: Why Mizoram's Lianpui Is Now On India’s Heritage Map 7 ancient, powerful Indian superfoods to help you live a longer, healthier life Want a healthy liver? Ditch these 7 foods immediately.
Stop 'Kuch Mitha Ho Jaye'? 7 signs to ditch sugar Fasting in Shravan? 7 healthy and wholesome foods to boost your energy Explained: Why Mizoram's Lianpui Is Now On India’s Heritage Map 7 ancient, powerful Indian superfoods to help you live a longer, healthier life Want a healthy liver? Ditch these 7 foods immediately.