Pakistan की धमकी पर असम के सीएम का पलटवार! बोले चीन के लिए ब्रह्मपुत्र का पानी रोकना संभव नहीं
Pakistan:पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कार्रवाई करते हुए सिंधु नदी का पानी रोक दिया और इसपर बौखलाएं पाकिस्तान ने भी भारत को धमकी दे डाली. पाकिस्तान ने कहा कि चीन भी ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक सकता है जिससे भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में सूखा उत्पन्न हो सकता है. इस पर अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्खा सरमा ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है. पाकिस्तान का कहना है कि भारत चीन के पानी पर निर्भर करता है हालांकि हिमंत बिस्खा ने पाक के दावे को खारिज किया है.

असम के सीएम ने पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्खा ने पाकिस्तान के दावे को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत द्वारा सिंधु जल समझौता रद्द करने के बाद पाकिस्तान एक नई कहानी गढ़ रहा है और अगर चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी का पावर हो गया तो क्या होगा ? असम सीएम ने पाकिस्तान के इस दावे को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि पहली बात तो चीन ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा और अगर ऐसा होता भी है तो इससे असम में हर साल आ रहे बाढ़ को रोकने में सहायता मिलेगी.

असम सीएम ने कहा-“अगर चीन ब्रह्मपुत्र का पानी रोक दे तो क्या होगा?भारत द्वारा जब से पुरानी और एकतरफा सिंधु जल संधि को दरकिनार किया गया है, पाकिस्तान एक नई घबराहट फैलाने की कोशिश कर रहा है:
“अगर चीन ब्रह्मपुत्र का पानी रोक दे तो?” ब्रह्मपुत्र,एक ऐसी नदी जो भारत में बढ़ती है — घटती नहीं. चीन ब्रह्मपुत्र के कुल जल प्रवाह में केवल 30–35% योगदान देता है — वह भी ज्यादातर हिमनदों के पिघलने और सीमित वर्षा से.चीन ब्रह्मपुत्र के कुल जल प्रवाह में केवल 30–35% योगदान देता है ,वह भी ज्यादातर हिमनदों के पिघलने और सीमित वर्षा से.शेष 65–70% जल भारत के भीतर ही उत्पन्न होता है, क्योंकि अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड और मेघालय में मूसलाधार मानसूनी वर्षा और प्रमुख सहायक नदियाँ: सुबनसिरी, लोहित, कामेंग, मानस, धनसिरी, जिया-भाराली, कोपिली
,मेघालय की खासी, गारो और जयंतिया पहाड़ियों से जल: कृष्णाई, दिगारू, कुलसी आदि सहायक नदियाँ.”
क्यों ब्रह्मपुत्र नदी की पानी बढ़ती है?
असम के सीएम हिमंत बिस्खा ने ब्रह्मपुत्र नदी में पानी बढ़ने का कारण बताते हुए कहा ब्रह्मपुत्र नहीं में पानी बढ़ने का कारण मेघालय, अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड और असम में होने वाली मूलाधार वर्षा है.

इसके अलावा सुबनसिरी, लोहित, कामेंग, मानस, धनसिरी, जिया-भाराली, कोपिली,मेघालय की खासी, गारो और जयंतिया जैसी अनेक सहायता नदियां ब्रह्मपुत्र में जाकर मिलती है. जिससे नदी का प्रवाह बढ़ जाता है. आगे उन्होंने कहा कि चीन और भारत की सीमा जब ब्रह्मपुत्र नदी में जाती है तो इसका जल प्रवाह 2000-3000 हो जाता है घन मीटर पर सेकेंड हो जाता है वहीं मानसून के दौरान असम के मैदानी क्षेत्र में नदी का जल प्रवाह 15,000 से 20,000 घन मीटर पर सेकेंड हो जाता है.
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