America का डबल गेम! क्यों भारत के खिलाफ और पाक के समर्थन में हैं ट्रंप?
America: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के बीच दोस्ती किसी से भी छिपी नहीं है. दोनों देशों के बीच भले ही तनाव की स्थिति दिखाई दे, लेकिन जब भी पाकिस्तान को मदद की जरूरत होती है अमेरिका उसके साथ खड़ा होता है. इसके बदले में अमेरिका पाकिस्तान से कुछ मांगता नहीं है जिसे पाकिस्तान मजबूरी में मानने को तैयार हो जाता है. फिर चाहे वह अफगानिस्तान में अमेरिकी हमलों का समर्थन करना हो या फिर भारत के खिलाफ राजनीतिक दबाव डालने की बात हो, पाकिस्तान अमेरिका की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार रहता है.
अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति दोहरी नीति
जहां एक तरह अमेरिका लगातार अमेरिका लगातार आतंकवादी नेटवर्क के साथ संदिग्ध व्यवहार के लिए पाकिस्तान की सार्वजनिक रूप से आलोचना करता है वहीं दूसरी ओर अमेरिका खुफिया एजेंसीयो ने बार-बार पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों विशेषतः तालिबान और आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों के बीच संबंधों को उजागर करता है जिन्होंने अफगानिस्तान और भारत दोनों पर हमले किए हैं. इसके बावजूद अमेरिका अपने बड़े हितों के लिए पाकिस्तान को एक रणनीतिक साझेदार मानता है और उसके साथ संबंध बनाएं रखता है.
पाकिस्तान पर क्यों मेहरबान है अमेरिका?
अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति नरम नीति के कारण स्पष्ट है. अफगान युद्ध के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारी के रूप में इस्तेमाल किया और उसे आर्थिक सहायता प्रदान की. अब ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान को अपनी हरित अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों के स्त्रोत के रूप में देख रहा है.

अफगानी युद्ध के दौरान पाकिस्तान को अमेरिका ने बतौर सप्लाई बेस की तरह उपयोग किया. इसके अलावा उसने पाकिस्तानी की सेना और आईएसआई को भी अपने सहायता के लिए अफगानिस्तान में उतारा. लेकिन इसके लिए अमेरिका ने पाकिस्तान की खूब मदद की जिसका सबसे ज्यादा फायदा पाकिस्तानी सेना ने उठाया. अब वही अमेरिका, पाकिस्तान का उपयोग अपनी ग्रीन-टेक अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों के रूप में देख रहा है. यही कारण है अमेरिका पाकिस्तान पर मेहरबान रहता है.

क्या पाकिस्तान के खजाने पर है ट्रंप का नज़र?
अप्रैल 2025 में एरिक मेयर ने खनिज क्षेत्र और उससे आगे की क्षेत्र में सहयोग नए रास्ते तलाशने के एक उच्च स्तरीय अमेरिका प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पाकिस्तान में किया. 9 अप्रैल को उन्होंने रावलपिंडी में मुख्यालय में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष ( सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर से मुलाकात की. पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों में नया मोड़ आया है जिसमें अमेरिका अब पाकिस्तान की विशाल खनिज संपदा पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों में अमेरिकी ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी एरिक मेयर ने अप्रैल 2025 में पाकिस्तान का दौरा किया और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की ओर चर्चा का मुख्य विषय खनिज विकास था जो दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है.
ये भी पढ़ें:Operation sindoor पर पाक का कबूलनामा! पाकिस्तानी पीएम ने कही ये बात
Source link
America,America pakistan friendship,Pakistan,Politics,Politics news,Why america support Pakistan