भारत ने निकाली पाकिस्तान के ‘दोस्त’ की हेकड़ी, किया ऐसा काम, SCO का सदस्य नहीं बन पाया ये देश
चीन के तियानजिन में संपन्न हुई एससीओ समिट में भारत ने न केवल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अक्ल ठिकाने लगाई, बल्कि पाकिस्तान के मित्र-देश अजरबैजान की हेकड़ी भी निकाल दी है. भारत ने अजरबैजान की एससीओ सदस्यता पर रोक लगा दी है.
अजरबैजान की मीडिया के मुताबिक, चीन के तियानजिन में आयोजित एससीओ समिट में अजरबैजान को सदस्यता दी जानी थी, लेकिन भारत ने वीटो लगा दिया है. दरअसल, नए सदस्य बनने के लिए मौजूदा सदस्यों के वोट की जरूरत होती है. अगर कोई भी सदस्य-देश वीटो लगा दे तो नई सदस्यता नहीं मिल सकती है. अजरबैजान के उन आरोपों पर हालांकि भारत का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
अजरबैजान के राष्ट्रपति शिखर सम्मेलन में शामिल
चीन में आयोजित शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की दो दिवसीय बैठक (31 अगस्त-1 सितंबर) में अजरबैजान ने ऑब्जर्वर के तौर पर हिस्सा लिया था. अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव खुद शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे. अलीयेव की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई थी.
एससीओ समिट में पीएम मोदी ने शहबाज शरीफ को घास तक नहीं डाली. दो दिन तक चले सम्मेलन में एक बार भी पीएम मोदी ने शरीफ की तरफ नहीं देखा. पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान और अजरबैजान काफी करीब आए हैं. इसका कारण ये है कि अजरबैजान के पड़ोसी देश आर्मेनिया को भारत ने पिनाका रॉकेट सिस्टम से लेकर आकाश मिसाइल और तोप से लेकर स्वाथी वेपन लोकेटिंग रडार तक सप्लाई की है.
अजरबैजान की पाकिस्तान से फाइटर जेट खरीदने की डील
ऐसे में पाकिस्तान ने अजरबैजान पर डोरे डालने शुरू कर दिए. अजरबैजान ने पाकिस्तान से जेएफ-17 फाइटर जेट खरीदने की डील की है. पाकिस्तान ने जेएफ-17 लड़ाकू विमान को चीन की मदद से तैयार किया है. साल 2020 में आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विवादित नागोर्नो-काराबाख को लेकर युद्ध में हो चुका है.
हालांकि, रशिया के बीच-बचाव से जंग तो रूक गई थी, लेकिन दोनों कॉकेशियन देशों में अदावत जारी है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच व्हाइट हाउस में एक शांति समझौता कराया है.
अजरबैजान के साथ रूस के संबंध खराब
पिछले एक-डेढ़ साल में अजरबैजान के रूस से संबंधों में भी तल्खी आई है. इसका कारण ये है कि रूसी सेना ने अजरबैजान के एक यात्री विमान को गलती से मार गिराया था. बदले में अजरबैजान ने रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी के कई पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया और न्यूजरूम पर भी ताले जड़ दिए.
यही वजह है कि पिछले हफ्ते रूस ने जब यूक्रेन की राजधानी कीव पर एक बड़ा मिसाइल और ड्रोन अटैक किया तो अजरबैजान के दूतावास को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी. रूस की एक मिसाइल अजरबैजान की एम्बेसी के बेहद करीब आकर गिरी थी.
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