CJI BR Gavai: ‘मुझे वास्तव में खुशी है कि…’, बुलडोजर नीति को लेकर CJI गवई ने कही बड़ी बात
सरकारों की बुलडोजर नीति के खिलाफ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई ने बेबाकी से अपनी बात रखी. गोवा की राजधानी पणजी में शनिवार (23 अगस्त, 2025) को गोवा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में सीजेआई ने शिरकत की.
इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना आरोपी व्यक्तियों के घरों को ध्वस्त करने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के फैसले ने नागरिकों के अधिकारों को बरकरार रखा है.
‘कार्यपालिका न्यायाधीश नहीं बन सकती’
बी आर गवई उच्चतम न्यायालय की उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने पिछले साल तत्काल ‘बुलडोजर न्याय’ की आलोचना की थी और संपत्तियों के विध्वंस पर देश भर के लिए दिशा निर्देश निर्धारित किए थे. फैसले में कहा गया था कि कार्यपालिका न्यायाधीश नहीं बन सकती और किसी आरोपी को दोषी घोषित नहीं कर सकती और ना ही उसका घर गिरा सकती है.
‘मेरे फैसले की आलोचना मेरी ही कम्युनिटी के लोगों ने की’
समारोह को संबोधित करते हुए देश के मुख्य न्यायाधीश ने आरक्षित वर्ग में ‘क्रीमी लेयर’ पर अपने ऐतिहासिक फैसले के पीछे के तर्क को भी समझाया. गवई ने कहा, “मेरे फैसले की आलोचना मेरी ही कम्युनिटी के लोगों ने की, लेकिन मैं हमेशा मानता हूं कि मुझे अपना फैसला जनता की इच्छाओं या दबाव के हिसाब से नहीं, बल्कि कानून की समझ और अपनी अंतरात्मा की आवाज के आधार पर लिखना चाहिए.”
सम्मान समारोह के दौरान पूर्व वक्ताओं द्वारा दिए गए भाषणों, जिनमें उनके ऐतिहासिक फैसलों का जिक्र था, उस ओर इशारा करते हुए सीजेआई गवई ने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में खुशी है कि संविधान के संरक्षक के रूप में हम उन नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कुछ कर सके, जिनके घर कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किए बिना ध्वस्त कर दिए गए.’’
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