Owaisi के इस चाल से तेजस्वी,नितीश कों नुकसान,बिहार में बनेगा तीसरा मोर्चा
Owaisi:बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बाकि है. गठबंधन की कावयद हर दल की ओर से बढ़ रही है ऐसे में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की आस महागठबंधन के साथ जाने का था. अगर ऐसा होता तो मुस्लिम वोट का बटवारा न हो पाता और एकमुस्त मुस्लिमों का वोट भाजपा (एनडीए) के खिलाफ जाता लेकिन एआईएमआईएम के एकलौते विधायक अख्तरुल ईमान ने बताया की ओवैसी की पार्टी कों महागठबंधन में मौका नहीं मिला तथा वों कांग्रेस,वामदल के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं. तीसरा मोर्चा अगर बिहार में सफल रहा तो यह बीजेपी और तेजस्वी दोनों के लिए नुकसान है.

एआईएमआईएम विधायक ने क्या कहा
AIMIM के विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए और महागठबंधन से अलग रास्ता लेगी. महागठबंधन दलों की घोषणा पत्र कमिटी की आज पटना में मीटिंग है लेकिन पहले की बैठकों की तरह एआईएमआईएम को इसमें भी बुलावा नहीं आया. महागठबंधन से भाव या निमंत्रण नहीं मिलने के बाद पार्टी ने तीसरा मोर्चा बनाने की कसरत शुरू कर दी है. एआईएमआईएम का यह प्रयास है कि पार्टी महागठबंधन के साथ ही जाये ऐसा करने पर फायदा होगा लेकिन बैठक में भाव न मिलने से नाराज चल रहें विधायक अख्तरुल ईमान अब तीसरे मोर्चे की बात कर रहें हैं.

बिहार के ओवैसी अकेले लड़े चुनाव तो किसे होगा फायदा
बिहार में कई ऐसी विधानसभा की सीट है जहां मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है मतलब ओवैसी ऐसे सीटों पर या तो चुनाव जीत जायेंगे या राजद प्रत्याशी कों हरा देंगे. 2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी एकेले 19 सीट पर लड़कर 05 सिट पर जीत हासिल कर लिए थे बिहार जैसे राज्य में ओवैसी के पार्टी के 05 विधायक जितना सामान्य बात नहीं थी. 2020 में भी ओवैसी ने उपेंद्र कुशवाहा की तब की पार्टी आरएलएसपी, मायावती की बीएसपी, देवेंद्र प्रसाद यादव की एसजेडीडी, ओम प्रकाश राजभर की एसबीएसपी और संजय चौहान की जनवादी पार्टी से गठबंधनक करके तीसरा फ्रंट ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट तैयार किया था. इस फ्रंट के कुल 06 प्रत्यासीयों ने जीत हासिल की थी एक सीट मायावती ने जीता था.

मैं हर जगह चुनाव लड़ने कों तैयार हूं: असदुद्दीन ओवैसी
बिहार चुनाव कों लेकर हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी कमर कस ली है. चुनाव के मद्देनज़र उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने महागठबंधन के कुछ नेताओं से बात की है और उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि हम नहीं चाहते कि बीजेपी या एनडीए बिहार की सत्ता में वापस आए. अब यह फैसला महागठबंधन के दलों और नेताओं को लेना है. अगर वे तैयार नहीं हैं, तो मैं हर जगह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं. आने वाले समय का इंतजार करें. आगे उन्होंने कहा कि कि अगर वो तैयार नहीं होते हैं, तो हमारी पार्टी सीमांचल के बाहर भी चुनाव लड़ेगी.मैं हर जगह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं. आनेवाले समय का इंतजार करें. सीटों की सटीक संख्या की घोषणा करना अभी जल्दबाजी होगी. हालांकि बहादुरगंज और ढाका की सीट के प्रत्याशियों का एलान कर चुका हूं.
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